Shayar Malangजाने कितनेमैं ज़िंदगी में अब भी ज़िंदा हूँ क्योंकि अभी भी जीने की जिद में हूँ मैं उठूँगी हर बार गिरूँगी जितनी बार.!
Shayar Malangकुछ ख़्वाब रफ़ू करने हैंज़िंदगी में हर किसी के हिस्से कुछ ना कुछ ख़्वाब आते हैं, कुछ ज़िंदगी की उलझनें अैसी होती हैं कि हम उन ख़ूबसूरत ख़्वाबों को पीछे छोड़ देते है