Shayar Malangजाने कितनेमैं ज़िंदगी में अब भी ज़िंदा हूँ क्योंकि अभी भी जीने की जिद में हूँ मैं उठूँगी हर बार गिरूँगी जितनी बार.!
Shayar Malangजाने क्या क्यातेरे अहसास भी क्या मेरे अहसास जैसे हैं., तेरी तबियत, तेरी ख़ुशियाँ तेरी ख़ैरियत और जाने क्या क्या.?
Shayar Malangतुम अकेले नहीं होतुम अकेले नहीं हो जिसने दर्द महसूस किया है, मगर परिस्थितियां एक जैसी नहीं थी, ना कभी रहेंगी !!