Shayar Malangचिड़ियाजाने अंजाने में हम कई बार किसी के लिए कुछ नहीं कर पाते, यही विधि का विधान है.!! पढ़िए ये कविता.!!
Shayar Malangतेरी यादेंयूं ही बैठे बैठे कभी किसी की यादें घिर आती है, ये अक्सर सभी के साथ होता है, तब दिल क्या सवाल करता है, जहन क्या सोचता है... आओ पढ़ें..
Shayar Malangजाने मेरे बिना कैसे तुम रह पाओगेजिसको तुम चाहते हो.. उसको तुम चाहते हो., वो तुम्हें चाहे ना चाहे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.! उसकी सलामती की दुआ बस ये दिल करता है.!!
Shayar Malangएक कमी सी रहती है तेरे बिना .!!कुछ शब्द महज शब्द नहीं होते वो दिल के एहसासों को पिरोए रखते हैं, संजोए रखते है खुद में.!! पढ़िए आपके छोड़े गए संदेश मुझे बहुत प्रिय है.!!