आज देखा मैंने..
दो चिड़िया पानी पी रही थी.,
एक बाज की..
उन पर आंख गढ़ी थी.,
अभी अभी तो
बस
उड़ान भरी थी.,
कंठ शीतल कर
मन तृप्त कर
पंखों को जैसे फैलाया.,
बाज ने देखा
और फिर आसमान से
गोता लगाया.,
भर पंजों में
उड़ चला वो..
अपनी भूख मिटा लेने को.,
मैं चिल्लाया बचा लेने को........
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