कुछ ख़्वाब रफ़ू करने हैं
ज़िंदगी में हर किसी के हिस्से कुछ ना कुछ ख़्वाब आते हैं, कुछ ज़िंदगी की उलझनें अैसी होती हैं कि हम उन ख़ूबसूरत ख़्वाबों को पीछे छोड़ देते है
कुछ ख़्वाब रफ़ू करने हैं
जाने क्या क्या
एक अरसे से
ये दिल एक चित्रकार है
कितनी भी कोशिश कर लो
जरा मुस्कुरा तू.!!
तुम अकेले नहीं हो
कुछ ऐसा है तू
तुमने मेरे लिए किया ही क्या है
जरूरी तुम हो
चिड़िया
तेरी यादें