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Writer's pictureShayar Malang

कोई है जो दुआ कर दे

कोई है

जो मेरे लिए दुआ कर दे

कोई है

जो सब के दिलों को सफ़ा कर दे

कोई है

जो इस ज़िंदगी का हिसाब कर दे

कोई है

जो मेरे सवाल का जवाब कर दे


यहाँ तो चारों तरफ़

जहां तलक नज़र जाती है

किसी की जेब फटी है

किसी की नियत कटी है

किसी को दया नहीं है

किसी को हया नहीं है.,


कोई है

जो भूखे को रोटी कर दे

कोई है

जो चीथड़ों को सिलाई कर दे

कोई है

जो थोड़ी तो भलाई कर दे

कोई है

जो हमारी ये सुनवाई कर दे.,


जहां में

क्या करे साहब नियत खोटी है

दुनिया में

क्या करें साहब मेहनत छोटी है

रिश्तों में

क्या करें साहब अपनापन नहीं है

अपनों में

क्या करें साहब बढपन नहीं है.,


कोई है

जो अंधों की लाठी हो जाए

कोई है

जो बूढ़ों को पानी दे जाए

कोई है

जो बुढ़ापे में सहारा हो जाए

कोई है

जो इनके लिए गुजारा हो जाए.,


वक्त बीता है और बीतेगा

जो आया है वो निश्चित मरेगा

फिर क्यों ये मान ये बडियाई

सबमें जाने क्यों "मैं" समाई

इंसान हो इशान तो बने रहो

दया करूणा सेवा दिल में भरे रहो.!!


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