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जाने मेरे बिना कैसे तुम रह पाओगे

Updated: Dec 23, 2020

मैं

तुमसे कह तो दूं

क्या तुम रह पाओगे

शायद मेरे जाने के बाद

मुझको भुला ना पाओगे


रोक लेता हूं

खुद को ही मैं

तेरे मेरे लड़ने से

बात ना करने से

इसलिए रूठता नहीं मैं

तुझको ही मना लेता हूं मैं

शायद डरता हूं मैं

जाने मेरे बिना कैसे तुम रह पाओगे


यूं तो

कुछ भी नहीं हूं

ज्यादा या थोड़ा

पता नहीं बचा कितना हूं

मगर जानता हूं

की मेरे जाने के बाद

खुद को माफ नहीं कर पाओगे

शायद डरता हूं मैं

जाने मेरे बिना कैसे तुम रह पाओगे


ख़्वाब ख्याल यादों में

भले मैं हूं या ना हूं

ना सही

ज़िन्दगी में कोई जगह

रखता हूं या ना रखता हूं

ना सही

मगर अपने दिल से

सच बताओ... मिटा पाओगे

शायद डरता हूं मैं

जाने मेरे बिना कैसे तुम रह पाओगे


हक, हक़ीक़त, हद, और सरहद

ना जाने क्या क्या

जहन मेरा भी पूछता है मुझसे

करता क्यूं हूं

रखता क्यू हूं

इतना ख्याल तेरा पूछता है मुझसे

मेरी तरह क्या अपने दिल को

पागल बना पाओगे

शायद डरता हूं मैं

जाने मेरे बिना कैसे तुम रह पाओगे


सूरज चांद रोशनी और चांदनी

दुआ सलाम मन्नत ओर बंदगी

सब कर लेता हूं

ऊपर वाले से भी लड़ लेता हूं

तेरे चहरे पर मुस्कान लाने को

खुद को पागल कर लेता हूं

क्या मेरे दिल सा तुम दिल रख पाओगे

शायद डरता हूं मैं

जाने मेरे बिना कैसे तुम रह पाओगे


शब्द, शेर, ग़ज़ल या कहानी कोई

झूटी मूटी सी बातें कई

तुमको सुनाने को

बस हंसाने को

बनाता हूं कविता रोज नई

क्या मेरे शब्दों को

दिल के हरफों को

कभी भुला पाओगे

शायद डरता हूं मैं

जाने मेरे बिना कैसे तुम रह पाओगे


वक़्त का क्या पता

मैं रहूं ना रहूं

दिन रहें रात रहें या ना रहें

एक बात जो रहेगी सदा

तेरे लिए मेरी दुआ

जबतक सांसों की आवाज है

धडकनों में सरगम है

मेरे जिस्म में दम है

मुझको बस अपना ही पाओगे

शायद डरता हूं मैं

जाने मेरे बिना कैसे तुम रह पाओगे

मैं

तुमसे कह तो दूं

क्या तुम रह पाओगे

शायद मेरे जाने के बाद

मुझको भुला ना पाओगे

इसलिए डरता हूं मैं

जाने मेरे बिना कैसे तुम रह पाओगे ।।


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