Shayar Malangजाने क्या क्यातेरे अहसास भी क्या मेरे अहसास जैसे हैं., तेरी तबियत, तेरी ख़ुशियाँ तेरी ख़ैरियत और जाने क्या क्या.?
Shayar Malangएक अरसे सेपेश ए ख़िदमत है नई ग़ज़ल - एक अरसे से खुली आँखों से मैंने उसे नहीं देखा, कोई रात अैसी नहीं गुज़री जब मैंने उसे नहीं देखा .!
Shayar Malangमौका नहीं मिलाबात क़िस्सों कहानियों की नहीं है, बात रिश्तों की है ! बात लफ़्ज़ों की भी नहीं है, बात जुड़ाव और जज़्बातों की है.!
Shayar Malangकुछ ऐसा है तूइश्क के कुछ ऐसे ही मायने हैं, जो जैसा समझे है ये उसको वैसा ही माने है.!! सुकून.. अहसास.. अरमान.. अल्फाज़
Shayar Malangतेरी यादेंयूं ही बैठे बैठे कभी किसी की यादें घिर आती है, ये अक्सर सभी के साथ होता है, तब दिल क्या सवाल करता है, जहन क्या सोचता है... आओ पढ़ें..
Shayar Malangजाने मेरे बिना कैसे तुम रह पाओगेजिसको तुम चाहते हो.. उसको तुम चाहते हो., वो तुम्हें चाहे ना चाहे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.! उसकी सलामती की दुआ बस ये दिल करता है.!!
Shayar Malangएक कमी सी रहती है तेरे बिना .!!कुछ शब्द महज शब्द नहीं होते वो दिल के एहसासों को पिरोए रखते हैं, संजोए रखते है खुद में.!! पढ़िए आपके छोड़े गए संदेश मुझे बहुत प्रिय है.!!