top of page

तुम जरा सी कम खूबसूरत होती

तुम जरा सी कम खूबसूरत होती

तो भी बला की खूबसूरत होती


होता चांद तब भी दीवाना तेरा

और तुम बस चांदनी सी होती


ये हवाएं तब भी चूमती तुमको

और रोशन तुम्हीं से ये रोशनी होती


तुम जरा....


मुस्कुराती कायनात तुम्हें देख कर

और तुम ही से रंगीन सारी वादियां होती


झूम उठता आसमां भी तेरे संग

और ये बूंदें तेरे संग नाचती गाती


तुम जरा ....


दिल ढूंढता झूमता पागल बन घूमता

तू जब भी मुझे नजर भर देखती


तेरे रक्शे इश्क़ को मेरी दुआ होती

और तुम आयत सी मेरी जुबां पर होती



तुम जरा....


भले ही पूर्वा पश्चिम से नहीं चलती

मगर हां तुमको छुए बिना नहीं निकलती


भले ही दिन कितने भी छोटे हो जाते

मगर

शाम तुमसे पूछे बिना नहीं ढलती


तुम जरा....


वक़्त यूं ही चलता रहता हर घड़ी

मगर दोपहर फिर भी तेरे से मिलने आती


गुजरने को तो रात गुजर जाती यूं भी

तेरे से मिल कर चांदनी फिर भी जाती


तुम जरा....


लेखक : शायर मलंग




3 Comments


Pooja Sharma
Pooja Sharma
Mar 20, 2022

so beautiful😍

Like

Dinesh Kumar
Dinesh Kumar
Nov 28, 2020

शुक्रिया अम्मू

Like

Shayar Malang

मस्त हूँ ... मलंग हूँ ... फक्कड भी ..,

ईश्किया हूँ ... दिवाना हूँ ... घुमक्कड़ भी ...

मेरे शब्द सिर्फ शब्द भर नहीं हैं ..!!

These Are Not Only Words . . .     These Are Feelings . . .

shayarmalang.png

WEEKLY NEWSLETTER 

Thanks for submitting!

© 2021 Shayar Malang.

bottom of page