Shayar Malangजाने क्या क्यातेरे अहसास भी क्या मेरे अहसास जैसे हैं., तेरी तबियत, तेरी ख़ुशियाँ तेरी ख़ैरियत और जाने क्या क्या.?
Shayar Malangएक अरसे सेपेश ए ख़िदमत है नई ग़ज़ल - एक अरसे से खुली आँखों से मैंने उसे नहीं देखा, कोई रात अैसी नहीं गुज़री जब मैंने उसे नहीं देखा .!
Shayar Malangएक कमी सी रहती है तेरे बिना .!!कुछ शब्द महज शब्द नहीं होते वो दिल के एहसासों को पिरोए रखते हैं, संजोए रखते है खुद में.!! पढ़िए आपके छोड़े गए संदेश मुझे बहुत प्रिय है.!!