कुछ ख़्वाब रफ़ू करने हैं
ज़िंदगी में हर किसी के हिस्से कुछ ना कुछ ख़्वाब आते हैं, कुछ ज़िंदगी की उलझनें अैसी होती हैं कि हम उन ख़ूबसूरत ख़्वाबों को पीछे छोड़ देते है
कुछ ख़्वाब रफ़ू करने हैं
बहुत कुछ सुना है मैंने
फ़ुर्सत की शाम
एक अरसे से
ये दिल एक चित्रकार है
कुछ ऐसा है तू
तेरी यादें
एक कमी सी रहती है तेरे बिना .!!
तुम जरा सी कम खूबसूरत होती
तेरे आंसू चुरा लूं मैं,