Shayar Malangएक अरसे सेपेश ए ख़िदमत है नई ग़ज़ल - एक अरसे से खुली आँखों से मैंने उसे नहीं देखा, कोई रात अैसी नहीं गुज़री जब मैंने उसे नहीं देखा .!
Shayar Malangमौका नहीं मिलाबात क़िस्सों कहानियों की नहीं है, बात रिश्तों की है ! बात लफ़्ज़ों की भी नहीं है, बात जुड़ाव और जज़्बातों की है.!
Shayar Malangकुछ ऐसा है तूइश्क के कुछ ऐसे ही मायने हैं, जो जैसा समझे है ये उसको वैसा ही माने है.!! सुकून.. अहसास.. अरमान.. अल्फाज़
Shayar Malangजाने मेरे बिना कैसे तुम रह पाओगेजिसको तुम चाहते हो.. उसको तुम चाहते हो., वो तुम्हें चाहे ना चाहे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.! उसकी सलामती की दुआ बस ये दिल करता है.!!