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रात उतर आया चांद

रात उतर आया

चांद

कुछ ओस की

चमचमाती बूंदों संग..


अटका रहा

वो रात भर

छज्जे पर मेरे

बातें करने को मेरे संग..


ओस की

बूंदों में डूबा

और चमक रहा था पूरा

मखमली सा उसका बदन..


आंख मेरी

उलझी रही बस

देखती रही उसको तब्स

धड़कने भी मेरी चल रही थी मंद..!!


रात उतर आया

चांद

कुछ ओस की

चमचमाती बूंदों संग..!!


2 Comments


Ehtesham Ansari
Ehtesham Ansari
Feb 24, 2021

Nice......😊

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Shayar Malang

मस्त हूँ ... मलंग हूँ ... फक्कड भी ..,

ईश्किया हूँ ... दिवाना हूँ ... घुमक्कड़ भी ...

मेरे शब्द सिर्फ शब्द भर नहीं हैं ..!!

These Are Not Only Words . . .     These Are Feelings . . .

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