खूबसूरत से भी ज्यादा...
ज्यादा...
खूबसूरत है तू....;
मेरी नजरों...
से खुद को अगर देखे तू...;
खूबसूरत से भी ज्यादा
खूबसूरत है तू..,
मेरी नजर से जो खुद को
अगर देखे तू.!!
मन्नत के धागे सी
जन्नत के वादे सी
शाम के शबाब सी
रात के ख्वाब सी
सुबह का मनोरंगी नूर है तू...
खूबसूरत से भी ज्यादा........
लोग कहते हैं..... पागल मुझे....
नयन तेरे...
करें घायल.... मुझे...;
सुबह सी... सिंदूरी .... है तू...;
खूबसूरत से भी ज्यादा........
दूर से यूं ही... देखा करूं तुझे....
दिल मेरा खींचे...
तेरी ओर..... मुझे...;
मन्नत के.... धागे सी.... है तू..;
खूबसूरत से भी ज्यादा..........
नजर लगे ना.... देखो कभी तुझे...
दिल में आ...
अपने छुपा लूं.... तुझे..;
जन्नत के... ख्वाब... सी है तू..;
खूबसूरत से भी ज्यादा...
खूबसूरत है तू...;
गुजर जाऊं में... या रोक लूं तुझे..
दिल में क्या है...
अगर तू बतला दे.... मुझे..;
मेरे लिए... मेरी शायरी... है तू..;
खूबसूरत से भी ज्यादा...
खूबसूरत है तू..;
मेरी नजरों...
से खुद को अगर देखे तू...;
खूबसूरत से भी ज्यादा....
खूबसूरत है तू.!!
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