Shayar Malangजाने कितनेमैं ज़िंदगी में अब भी ज़िंदा हूँ क्योंकि अभी भी जीने की जिद में हूँ मैं उठूँगी हर बार गिरूँगी जितनी बार.!
Shayar Malangपूरानी मुस्कानबचपन जो था वो ही सुकून से भरा था मतलब की तलब नहीं थी किसी चीज की फ़िक्र नहीं थी सुकून था, ख़ुशी थी मुस्कान थी
Shayar Malangये दिल एक चित्रकार हैये जो दिल है, वो चित्रकार है, उसके बस्ते में वो सारे रंग है जो आपके अहसासों के हिसाब से दुनियाँ के चित्रपटल पर उकेरे जाते हैं... पढ़िए कैसे
Shayar Malangकितनी भी कोशिश कर लोज़िंदगी में कितनी भी कोशिश कर लो कुछ चीज़ें तभी मिलेंगी जब मिलनीं होंगी, मगर चाहे जो हो मुस्कुरा कर हमें ज़िंदगी को जीना नहीं छोड़ना ॥